छुट्टियाँ
स्कूल की आज से छुट्टियाँ हो रही हैं. स्कूल के बच्चे बेहद खुश हैं. आज से मस्ती के दिन जो शुरू होने जा रहे हैं. न कोई पढ़ाई , न सुबह उठने की मारामारी।
अध्यापिकाएँ भी खुश हैं. आज से परिवार के लिए कम से कम थोड़ा वक्त तो मिलेगा. कहीं घूमने का भी सोच रखा है. देखें शायद कोई मौका मिल जाये.
बाहर एक रिक्शेवाला बैठा है. वह प्रतिदिन तीन बच्चे लेकर स्कूल आता है और दोपहर को उन्हें घर वापिस भी छोड़ता है. कुछ अध्यापिकाएँ भी उसके रिक्शे से आतीं और जातीं हैं। बाहर बैठा वह सोच रहा है आज से घर का पूरा खर्च कैसे निकालूँगा । ओफ़ ये छुट्टियाँ क्यों होती हैं!!!!!!!!!!!!!!!!!!
अध्यापिकाएँ भी खुश हैं. आज से परिवार के लिए कम से कम थोड़ा वक्त तो मिलेगा. कहीं घूमने का भी सोच रखा है. देखें शायद कोई मौका मिल जाये.
बाहर एक रिक्शेवाला बैठा है. वह प्रतिदिन तीन बच्चे लेकर स्कूल आता है और दोपहर को उन्हें घर वापिस भी छोड़ता है. कुछ अध्यापिकाएँ भी उसके रिक्शे से आतीं और जातीं हैं। बाहर बैठा वह सोच रहा है आज से घर का पूरा खर्च कैसे निकालूँगा । ओफ़ ये छुट्टियाँ क्यों होती हैं!!!!!!!!!!!!!!!!!!
उषा छाबड़ा