चलना ही जिंदगी है(२)
इस सप्ताह के सुविचार —–
- जिस प्रकार बगीचे में विभिन्न प्रकार के पेड़ – पौधे , जीव -जंतु होते हैं और यही विभिन्नता उसे सुंदर बनाती है, उसी प्रकार इस संसार में हर व्यक्ति अलग है, यही विभिन्नता संसार को विशिष्ट बनाती है . सबके काम करने का ढंग, सबकी सोच अलग है. सबको एक तराजू से क्यों तोलें?
- निर्जीव वस्तुओं में अकड़ होती है , सजीव में नहीं.
- परिवर्तन प्रकृति का नियम है. हम जो कल थे , वह आज नही हैं. आज के दिन भर के अनुभव ने हमें और परिपक्व बनाया , इसलिए परिवर्तन का स्वागत करें.
- आपके जीवन का हर दिन एक खाली पन्ने के समान है, यह आपका है , इसे खूबसूरत रंगों से सजाइए . इसे सुंदर बनाइए .
- कष्ट पूर्ण क्षणों में भी संयम बनाये रखना एक मुश्किल कार्य है, पर असंभव नहीं.!
- दिल तो बच्चा है जी. बच्चे की तरह जीवन को खुलकर जीएँ , जिज्ञासु बनें.
उषा छाबड़ा
१६.४.१६