09 Apr

चलना ही जिंदगी है  १

इस सप्ताह के सुविचार 

  • पंछी बन आसमान में उड़ने को जी चाहता है,

          पतंग बन हवा से गुफ्तगू करने को जी चाहता है, 
          नदी बन पहाड़ों से निकल बहने को जी चाहता है ,
          तितली बन फूलों की महक चुराने को जी चाहता है ,
           चाहतों की लम्बी सूची है क्या क्या लिखूँ – – – – – – —
           वास्तव में अब जीने को जी चाहता है। 


  • यह जीवन सुंदर है, जो पल जा रहा है, वह वापिस नहीं आएगा. इसलिए खुलकर जीएँ . मस्त रहें .


  • पहला सुख निरोगी काया. अच्छे स्वास्थ्य से बड़ा कोई धन नहीं.पौष्टिक खाएं, खुश रहें .


  • हर व्यक्ति का जीवन उसकी अपनी कर्मभूमि है, उसके अपने लक्ष्य हैं, उसके अपने रास्ते हैं. सफ़र खुद ही तय करना है. किसी से कोई तुलना नहीं.


  • आपकी राह में अवरोध उत्पन्न करने वाले आपको कमजोर नहीं, सशक्त बना रहे हैं, इसलिए उनका आभार जानिये.

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