होली
टोली ने आवाज़ लगाई
चिंकी तो झट दौड़ी आई ,
पिचकारी को लिए हाथ में
चिंकू ने भी धूम मचाई,
रंग बिरंगे दोनों बच्चे
मित्रों की टोली में झूमे ,
कोई लाल था कोई पीला
पिंटू तो था रंगबिरंगा,
राजू जाने कैसे छूटा !!
छप्प ! एक गुब्बारा फूटा !
पिचकारी ने छोड़ी धार
भीग गए राजू सरदार।
होली ने सबको मिलवाया
यह त्यौहार सभी को भाया।
उषा छाबड़ा
२३.३. १६