मंथन
मंथन
कईबच्चे अपनी कॉपीबड़ी सफाई से रखते हैं। उनकेपृष्ठ मुड़े नहींहोते , उनका हर अक्षर सधाहुआ होता है।कामसफाई से किया होता है।जिस तरह कक्षामें समझाया गयाहोता है , अपेक्षित उत्तरलिखा होता है। उत्तर पूरेहोते हैं। कामपूरा होता है।
कईबच्चों की कॉपियोंका रख– रखावअच्छा नहीं होता। उनकेपृष्ठ मुड़े –तुड़ेहोते हैं। कभीहल्दी का दाग दिखता हैंतो कभी कोई पन्ना भीबीच में से फटा दिखता है। काम सावधानी से नहीं किया होता। बार–बार गलती करतेहैं , उसे काट देते हैं,फिर आगे लिखतेहैं , फिर कोई शब्द काटदेते हैं। काम मेंस्थिरता नहीं दिखती। बारबार शब्दगलत लिखते हैं। कईबार अधूरा कामही जांचने केलिए दे देते हैं।
ऊपरदिए गए दोनोंतरह की कॉपियाँअकसर सामने आतीहैं। अपनीकक्षा में मैं लगभग१५ बच्चों कीकापियां
अच्छीश्रेणी में गिन सकतीहूँ ,लगभग १० कॉपियाँ ठीक–ठाक हैं , बहुतअच्छी नहीं और बाकीकापियों का हाल
खराबहै।
कापियोंको देखकर , जांचतेसमय कुछ बातेंसमझ में आती हैं कि
बच्चेके घर का वातावरण क्या है? उसपर कितना ध्यानदिया जा रहा है ? गलतीअगर बार– बारदोहराई जा रही है तोया तो बच्चेकी समझ में नहीं आरही या बच्चा लापरवाहीकर रहा है औरघर पर उसकी पढ़ाई को देखने वाला कोई नहींहै।
छोटीही उम्र से हमें बच्चोंको साफ- सफाईके बारे मेंबताना चाहिए, यहउसकी आदत में शामिल होजाना चाहिए। उसकी यहआदत फिर कॉपियों मेंभी दिखाई देगी।कई बच्चों की लिखनेकी गति कम है औरइसलिए कक्षा मेंकाम पूरा नहींकर पाते। अभिभावक कोचाहिए कि प्रतिदिन जब बच्चाघर जाए तो उसकी कॉपियाँ देखे, उसकी गलतियों कोसमझे और उनपर परध्यान दें। जो गलतियांछोटी कक्षाओं मेंनजरअंदाज की जाती हैं , बड़ेहोकर वही गलतियाँ ठीकनहीं हो पाती हैं।
कईबार पाया गयाहै कि बच्चों कोवर्णों और मात्राओंका सही ज्ञानबचपन में नहींहो पाया इसलिएवे बड़े होकरभी कई छोटी छोटी गलतियां करते हैंऔर वही गलतियाँ बड़ा रूपले लेती हैं।
बच्चेसे अगर यह उम्मीद कीजाती है कि वह अच्छेअंक लाये , तोउसके लिए अभिभावक, छात्र और अध्यापिकाके कार्य मेंसामंजस्य होना होगा। अध्यापिकाका मार्गदर्शन तभीकारगर सिद्ध होगा , जबअभिभावक बच्चेपर ध्यान देंगें।
अपनेबच्चों के लिए समय देनाबहुत ही आवश्यकहै। समय रहतेबच्चे की मदद करें। सीढ़ीएक बार में नहीं चढ़ीजाती , उसके एक-एक पायदान पर चढ़ते हुएही ऊँचाई परपहुँचा जासकता है।
उषाछाबड़ा